सूचीकरण
भएका सबैं बाणिज्य बैंकहरुले तेस्रो त्रैमासिक विवरण प्रकाशित गरेका छन् । यस
अवधिसम्म पनि बैंक अफ काठमाण्डू, सिभिल, कुमारी, एनसिसी र
एनएमबीले तोकिएको ८ अरब चुक्ता पुँजीको व्यवस्थापन गर्न सकेका छैनन् । सार्वजनिक
शेयर निष्कासन नगरेको राष्ट्रिय बाणिज्य बैंकलाई छोडेर २७ बैकहरुको प्रकाशित
विवरणका आधारमा केहि सूचकका आधारमा सबैभन्दा बलियो र कमजोर निम्न अनुसार छन् ।
आधार
|
बलियो
(राम्रो)
|
कमजोर
(खराव)
|
औसत
|
कैफियत
|
बैंक
|
रकम
|
बैंक
|
रकम
|
चुक्ता पूँजी
(अरबमा)
|
नेपाल
इन्भेष्टमेन्ट
|
१०.६४५
|
एनसीसी
|
४.६७९
|
७.८३६
|
|
जगेडा कोष (अरबमा)
|
नेपाल
इन्भेष्टमेन्ट
|
१०.९१९
|
सेञ्चुरी
|
१.२१२
|
४.०३३
|
|
निक्षेप (अरबमा)
|
एनआईसी एसिया
|
१३३.७२६
|
सिभिल
|
३६.९०६
|
७८.३६७
|
|
कर्जा तथा सापट (अरबमा)
|
नेपाल
इन्भेष्टमेन्ट
|
११८.८६०
|
सिभिल
|
३४.९२४
|
६९.५८६
|
|
खुद व्याज आय
(अरबमा)
|
नेपाल बैंक
|
४.५९२
|
सिभिल
|
०.८९२
|
२.२७४
|
|
खुद मुनाफा
(अरबमा)
|
नेपाल
इन्भेष्टमेन्ट
|
२.८३८
|
सिभिल
|
०.३५०
|
१.२२८
|
|
प्रतिशेयर आम्दानी
(रू)
|
नविल
|
४६.८३
|
सिभिल
|
८.९१
|
२०.५२
|
|
प्रतिशेयर खुद सम्पत्ति
(रू)
|
कृषि विकास
|
२१०.५३
|
सेञ्चुरी
|
११५.०४
|
१५१
|
|
पूँजी कोष (प्रतिशतमा)
|
ग्लोवल आईएमई
|
११.७२
|
चार्टड
|
२२.६८
|
१५.०१
|
एनसीसीको पूँजी कोष ११.५४% भएता पनि
तोकिएको पूँजी नपुगको अवस्था .
|
इक्विटीमा प्रतिफल (प्रतिशतमा)
|
नेपाल बैंक
|
२६.८८
|
सिभिल
|
६.५४
|
१४.१८
|
|
निष्कृय कर्जा
(प्रतिशतमा)
|
नेपाल एसबिआइ
|
०.१३
|
एनसीसी
|
३.९७
|
१.४७
|
|
मूल्य आम्दानी अनुपात (गुणा)
|
नेपाल बैंक
|
७.५४
|
चार्टड
|
३४.०३
|
१.४७
|
मेगाको ४७.९७% भनिएपनि कारोवार नभएको
हुँदा वास्तविक मान्न नसकिने .
|
बैंकहरूको
आव २०७४/७५ तेस्रो त्रैमासको समग्र विवरण यस प्रकार रहेको छ ।
Bank
|
Capital
|
Reserve
|
Dep
|
Len
|
Net Interest
|
Net Profit
|
EPS
|
Networth
|
PE
|
CAR
|
NPL
|
ROE
|
ADBL
|
8,505,216
|
9,645,376
|
97,105,612
|
94,897,119
|
4,307,469
|
1,788,387
|
24.20
|
210.53
|
13.88
|
20.76
|
3.49
|
9.10%
|
BOKL
|
7,072,896
|
4,438,001
|
73,903,367
|
67,252,773
|
2,062,720
|
930,574
|
17.54
|
162.75
|
19.04
|
15.02
|
1.82
|
12.17%
|
CBL
|
6,934,850
|
1,908,876
|
36,906,323
|
34,924,888
|
892,813
|
350,054
|
8.91
|
127.53
|
16.95
|
21.94
|
3.73
|
6.54%
|
CCBL
|
8,063,435
|
1,212,354
|
52,732,731
|
50,027,928
|
1,228,226
|
630,050
|
10.42
|
115.04
|
16.51
|
16.36
|
0.76
|
9.72%
|
CZBL
|
8,033,236
|
2,374,306
|
60,256,519
|
55,820,044
|
1,466,724
|
1,009,886
|
16.76
|
129.56
|
15.51
|
15.66
|
1.46
|
13.38%
|
EBL
|
8,106,863
|
5,853,810
|
106,944,082
|
88,173,047
|
3,250,941
|
1,803,481
|
29.96
|
172.93
|
26.60
|
15.70
|
0.23
|
19.91%
|
GBIME
|
8,888,376
|
3,861,198
|
102,572,591
|
89,069,084
|
2,615,383
|
1,444,752
|
21.67
|
143.44
|
14.35
|
11.72
|
1.29
|
15.11%
|
HBL
|
8,114,529
|
5,202,468
|
96,324,191
|
85,456,212
|
2,910,564
|
1,611,802
|
25.81
|
163.61
|
23.63
|
12.44
|
1.19
|
17.18%
|
JBNL
|
8,000,786
|
1,370,746
|
54,579,518
|
51,169,055
|
1,574,467
|
575,732
|
9.59
|
117.13
|
17.09
|
16.13
|
1.95
|
8.24%
|
KBL
|
5,969,496
|
2812200
|
61,841,742
|
56,849,368
|
1,341,692
|
705,676
|
15.76
|
147.11
|
15.86
|
14.09
|
1.24
|
10.71%
|
LBL
|
8,221,667
|
2,169,151
|
63,268,385
|
58,699,279
|
1,549,556
|
802,633
|
13.64
|
126.38
|
17.96
|
12.97
|
1.16
|
10.44%
|
MBL
|
8,055,693
|
1,793,135
|
68,432,578
|
62,211,008
|
1,782,059
|
815,096
|
13.75
|
122.26
|
16.44
|
15.72
|
0.35
|
11.03%
|
Mega
|
7,376,743
|
1,812,190
|
42,842,715
|
41,286,633
|
1,300,951
|
524,904
|
9.55
|
124.57
|
47.97
|
18.49
|
0.98
|
9.91%
|
Nabil
|
8,043,221
|
8,816,897
|
123,019,480
|
105,027,044
|
4,490,061
|
2,799,354
|
46.83
|
210.00
|
21.12
|
13.02
|
1.07
|
24.03%
|
NBB
|
8,088,144
|
3,063,361
|
42,363,290
|
42,075,668
|
1,248,709
|
710,341
|
12.00
|
138.00
|
20.00
|
14.15
|
1.77
|
8.49%
|
NBL
|
8,042,662
|
5,976,684
|
90,813,275
|
79,705,932
|
4,592,489
|
2,567,728
|
42.57
|
174.31
|
7.54
|
18.02
|
2.91
|
26.88%
|
NCC
|
4,679,058
|
3127899
|
59,010,499
|
52,127,607
|
1,010,875
|
543,152
|
15.48
|
166.85
|
21.06
|
11.54
|
3.97
|
9.83%
|
NIB
|
10,645,599
|
10,919,897
|
130,197,457
|
118,860,752
|
4,118,567
|
2,838,448
|
35.55
|
202.58
|
18.76
|
13.25
|
0.76
|
17.55%
|
NICA
|
8,031,117
|
3,018,207
|
133,726,590
|
108,963,614
|
2,655,253
|
927,637
|
15.40
|
137.58
|
20.97
|
13.03
|
0.22
|
15.40%
|
NMB
|
6,461,774
|
5,635,417
|
85,296,206
|
74,013,725
|
2,103,229
|
1,410,016
|
29.09
|
187.21
|
15.29
|
12.93
|
1.10
|
16.95%
|
NSBI
|
8,046,905
|
4,159,500
|
83,845,651
|
74,052,723
|
2,891,382
|
1,379,785
|
22.86
|
151.69
|
24.06
|
14.51
|
0.13
|
10.17%
|
PCBL
|
8,033,299
|
2,660,399
|
74,200,725
|
66,535,633
|
1,694,387
|
1,258,575
|
20.89
|
133.12
|
14.12
|
12.51
|
1.06
|
16.10%
|
Pravu
|
8,001,334
|
3,401,994
|
87,643,506
|
73,070,388
|
1,902,500
|
867,124
|
14.45
|
142.52
|
15.22
|
12.68
|
3.90
|
10.14%
|
RBB
|
8,588,972
|
4977591
|
153,223,917
|
112,807,965
|
6,190,231
|
3,085,010
|
|
|
|
12.34
|
2.90
|
34.21%
|
Sanima
|
8,001,255
|
2,259,363
|
71,530,955
|
64,322,096
|
2,076,092
|
1,205,680
|
20.22
|
128.24
|
17.70
|
13.15
|
0.17
|
15.77%
|
SBL
|
8,012,171
|
3,601,582
|
90,401,940
|
79,880,802
|
2,200,522
|
1,225,193
|
20.52
|
144.95
|
14.86
|
12.30
|
1.31
|
14.16%
|
SCB
|
8,011,431
|
5,362,232
|
61,015,046
|
46,406,909
|
2,236,820
|
1,509,638
|
25.12
|
166.93
|
34.03
|
22.68
|
0.21
|
16.97%
|
SRBL
|
8,152,556
|
2,455,100
|
65,147,716
|
57,943,765
|
1,920,535
|
942,122
|
15.41
|
130.11
|
15.84
|
14.39
|
1.45
|
11.84%
|
Total
|
220,183,284
|
113,889,934
|
2,269,146,607
|
1,991,631,061
|
67,615,217
|
36,262,830
|
|
|
|
|
|
|
Average
|
7,863,689
|
4,067,498
|
81,040,950
|
71,129,681
|
2,414,829
|
1,295,101
|
20.52
|
151.00
|
19.35
|
14.91
|
1.52
|
0.14
|
गत
आर्थिक वर्षको तेस्रो त्रैमासको आधारमा भने बैंकहरुले निम्न अनुसार प्रगति गरेका
छन् ।
कम्पनीहरुले
त्रैमासिक विवरण प्रकाशित गर्दा नियामक वा कानुनले तोकेका सबै परिसूचकहरुको विवरण
र जानकारी प्रकाशित गर्दछन् । विश्लेषण र तुलना गर्न सकभर बढी सूचकहरुलाई आधार
बनाउन सकिन्छ, तर आफूले कुन आधारमा
किनबेचको निर्णय गर्ने वा लगानी निर्णयका आधारभूत सूचक र तिनका प्राथमिकता भने
आफैले तय गर्नुपर्छ । बैंक तथा वित्तीय संस्थाहरुको सन्दर्भमा नियामकले समेत केही
मापदण्ड तोकेको र केही परिसूचकले अन्य सूचकहरुको समेत मोटामोटी प्रतितिनिधित्व
गर्ने आधारमा एउटा लगानीकर्ताले निम्न आधारभूत सूचकहरुलाई तोकिएको
प्राथमिकतामा किन्ने आधार बनाउँदा कम
जोखिमपूर्ण निर्णयमा पुग्ने संभावना रहन्छः
१)
प्रतिशेयर आय (इपिएस)
कम्पनी
संचालनको मूल्य उद्देश्य मुनाफा नै हुने र खुद मुनाफाको आधारमा प्रतिशेयर आम्दानी
गणना गरिने हुँदा लगानीकर्ताका साथै कारोवारीले पनि माग र आपूर्तिसँग इपिएसलाई
मूल्यको आधार बनाउने आमप्रचलन रहेको छ । कम्पनीको व्यवसायिक सफलताको मुख्य मापक र
लाभांसको आधारका समेत भएको हुँदा इपिएस बढी भएको राम्रो हुन्छ । यसैको आधारमा बजार
मूल्य प्रभावित हुने र मूल्य आम्दानी अनुपात निर्धारण हुने हुँदा इपिएस नहेरी
लगानी गर्नु जोखिमपूण मात्र होइन, मूर्खता पनि हुनसक्छ । कम्पनीको इपिएस निम्न सूत्रका आधारमा निकालिन्छ ।
प्रकाशित विवरणलाई आफैले पनि यि सूत्र प्रयोग गरेर सामान्य जाँच गर्न सकिन्छ ।
- सूत्र १:
खुद आम्दानीलाई कुल साधारण शेयर (संस्थापक र सर्वसाधारण समेत) संख्याले भाग गरि
आउने भागफल प्रतिशेयर आम्दानी हुन्छ | यो साधारण विधि हो | उदाहरणको लागि मानौं
कुनै कम्पनीले चैत्र महिना मसान्तमा २ अरव खूद नाफा गरेको छ र यसको चुक्ता पूँजी
१० अर्ब (१० करोड कित्ता शेयर) छ भने २,००,००,००,०००/१०,००,००,०००=२० प्रतिशेयर
आम्दानी हुन्छ | स्मरणीय के छ त्रैमासिक प्रतिवेदनमा प्रतिशेयर आम्दानी गणना गर्दा
वार्षिकीकरण गरिएको हुन्छ र यसलाई विशेष ध्यान दिनुपर्छ । यदि
कम्पनीले अग्राधिकार शेयरबाट पुँजी संकलन गरेको छ भने त्यस्तो अवस्थामा खुद
आम्दानीबाट कायम अग्राधिकार शेयरका लागि लाभांस घटाएर कायम कुल शेयर संख्याले भाग
गरिन्छ |
सूत्र २: (खुद आम्दानी – अग्राधिकार शेयरका लागि
लाभांस)
÷ कायम कुल सर्वसाधारण शेयर
संख्या । यसका साथै अन्तराष्ट्रिय रुपमा कम्पनी
विभिन्न समयमा पुँजी संकलन र परिचालन गरेको आधारमा निम्न प्रकारका सूत्रहरूको समेत
प्रयोग गर्ने चलन रहेको छ ।
- सूत्र ३:
(खुद आम्दानी – अग्राधिकार शेयरका लागि लाभांस) ÷ भारित औसत सर्वसाधारण शेयर संख्या
- सूत्र ४:
(खुद आम्दानी – अग्राधिकार शेयरका लागि लाभांस) ÷ औसत सर्वसाधारण शेयर संख्या
- सूत्र ५:
(नियमित संचालन मुनाफा – अग्राधिकार शेयरका लागि लाभांस) ÷ भारित औसत सर्वसाधारण शेयर
संख्या
तसर्थ
लगानी निर्णयको पहिलो आधार नै इपिएस हुनुपर्छ । कम्पनी छनौट गर्दा बढी इपिएस भएको
र पूँजी वृध्दि भएको अवस्थामा सोही वा सोभन्दा बढी दरमा इपिएस बढेको छान्नु उपयुक्त
हुनेछ ।
तेस्रो
त्रैमासिक विवरणको इपिएसका आधारमा नविल, नेपाल इन्भेष्टमेन्ट र नेपाल बैंकका शेयरधनीहरु खुसी हुनुपर्ने देखिन्छ ।
औषत इपिएस रु. २०.५२ का आधारमा १५ वटा बैंकहरु बजारको प्रतिफल दरमा कमाउन असफल
देखिएको छन्।
२)
प्रतिशेयर खुद मूल्य (नेटवर्थ)
प्रतिशेयर
खुद मूल्य (नेटवर्थ) अर्थात् नेटवर्थले कम्पनीको वित्तिय अवस्था तथा शेयरधनीको
खुदसम्पत्तीको अवस्थालाई जनाउँछ । यसलाई शेयरको कितावी मूल्यका रुपमा पनि लिन
सकिन्छ । नेपालको सन्दर्भमा अंकित मूल्य रु. १०० र रु. १० हुने हुँदा नेटवर्थ सदैव
सो भन्दा बढी हुनुपर्छ । भनेको नेटवर्थ सँधै सकारात्मक हुनुपर्छ । उदाहरणको लागि
कृषि विकास बैंकको नेटवर्थ रु. २१० छ भन्नुको मतलव बैंकले कमाएर प्रति कित्ता रु.
११० जगेडा कोष (शेयरधनीको कोष) मा जम्मा गरिदिएको छ । तर कुनै कम्पनीको नेटवर्थ रु
९० छ भने कम्पनी व्यवसायिक नोक्सानीमा गएर पूँजीबाट खर्च धान्नुपरेको अवस्था वा
शेयरधनीको खुद सम्पत्ती नै नकारात्मक भएको अवस्थालाई जनाउँछ । यो हामीले निकाल्न
गाह्रो हुने भए पनि कम्पनीको त्रैमासिक विवरण हेरेर थाहापाउन सकिन्छ । जति बढी
नेटवर्थ त्यति बलियो हो तर यसले के पनि देखाउँछ भने कम्पनीले आफ्नो आम्दानीको ठूलो
हिस्सा नबाँडी जगेडा कोषमा राख्ने गरेको छ ।
तेस्रो
त्रैमासिक विवरणको नेटवर्थका आधारमा कृषि विकास, नविल र नेपाल इन्भेष्टमेन्ट
बैंकका शेयरधनीहरु धनी देखिन्छन् । औषत नेटवर्थ रु. १५१ रहँदा ११ वटा बैंकहरु
औषतभन्दा बढी तथा १६ वटा कम देखिएका छन् ।
३)
पुँजीकोषको अवस्था
प्रचलित
बैंक तथा वित्तीय संस्थासम्बन्धी कानुनले आफ्नो कुल जोखिम भारित सम्पत्तिको आधारमा
न्युनतम पुँजीकोष अनुपात कायम गर्नुपर्ने बाध्यात्मक व्यवस्था गरेको छ । यसले
संस्थाको जोखिम वहन क्षमता गर्न पुँजी पर्याप्तता कति छ भन्ने बुझाउँछ । हाल
बैंकहरुको पूँजीकोष अनुपात न्यूनतम ११ प्रतिशत हुनुपर्छ । वासेल कार्यान्वयनका
चरणहरु पार गर्दै जाँदा पुँजी कोष र त्यसमा समावेश हुने पुँजीमा परिवर्तन हुँदै
जान्छ । सामान्यतः हामीले बुझ्नु पर्ने, पुँजी पर्याप्त हुनु पर्दछ, यो धेरै बढी वा कम हुनु
हुन्न । पुँजीकोष कम हुनु भनेको कम्पनीलाई व्यवसाय संचालन गर्न आवश्यक पूँजीको
अभाव भएको र पुँजीकोष बढी हुनु भनेको कम्पनी प्रभावकारी रुपमा पूँजी परिचालन गर्न
असक्षम भएको अवस्था हो । कम्पनीको वित्तीय स्वस्थताका हिसावले पूँजीकोष बलियो हुनु
नै राम्रो हो तर बैधानिक पूँजीकोष तोकिएको अवस्थामा सोको केही बढीलाई उपयुक्त
मान्न सकिन्छ । उदाहरणको लागि वर्तमान अवस्थामा ११ न्यूनतम हुँदा १२–१४ लाई
स्वीकार्य अवस्था र १५ भन्दा माथिलाई ओभर क्यापिटलाईज्ड मान्न सकिन्छ । लगानी
निर्णयको सन्दर्भमा बोनस शेयरका लागि कसिलो पूँजीकोष तथा नगद लाभांसको लागि राम्रो
इपिएस र खुकुलो (बढी) पूँजीकोष भएको कम्पनी छान्नु उपयुक्त हुन्छ ।
तेस्रो त्रैमासको पुँजी पर्याप्ताका आधारमा
स्ट्याण्डर्ड चार्टर, नेपाल बैंक र सिभिल बलिया देखिन्छन् । मुनाफाको अवस्थामा कम्पनीले चाहँदा
नगद लाभांस दिने क्षमता राख्छन् । ग्लोवलआईएमई, सिध्दार्थ र प्राइमलाई भने पुँजी थप्न हटारो हुने अवस्थामा
मुनाफालाई बोनस शेयर मार्फत पुँजीकृत गर्न बाध्यता आउन सक्छ । औषत १४.९१ का आधारमा
११ वटा बैंकहरुसँग व्यवसाय विस्तारका लागि पर्याप्त पुँजीकोष रहेको देखिन्छ । १६
वटाले पुँजीकोष व्यवस्थापनका विकल्प सोच्नुपर्ने हुनसक्छ । एनसीसीको पुँजीकोष
कसिले देखिएता पनि पुँजी थप हुने अवस्थामा कस्ते हुन्छ अनुमान गर्न सकिँदैन ।
३) मूल्य
आम्दानी अनुपात (पिई)
कम्पनीको
वर्तमान आम्दानीको आधारमा बजारमूल्य वा तिरिने मूल्य वा साँवा फिर्ता हुन कति वर्ष
लाग्छ भन्ने जानकारी मूल्य आम्दानी अनुपातले दिन्छ । यसलाई बजारमा क्रेताले
तिर्नचाहेको र बिक्रेताले बेच्न चाहेको मूल्य वा कुनै कम्पनीको एक शेयरका लागि
उसको प्रतिशेयर आम्दानीको आधारमा बजारका क्रेताले तिर्नचाहेको मूल्य मान्न सकिन्छ
। यसलार्इ कम्पनी प्रति बजारले तिर्नचाहेको प्रिमियम मूल्य वा साखको मूल्य पनि
मान्न सकिन्छ । यसलाई पिई रेसियो पनि भनिन्छ, जसले निश्चित आम्दानी गर्न
तिर्नुपर्ने मूल्य जनाउँछ । यस्तो अनुपात वा गुना जति कम भयो त्यति राम्रो हो । यो
निकाल्न आजको बजारमूल्य (खरिदमूल्य) लाई प्रति शेयर आम्दानीले भाग गरे पुग्छ । तर
बजारमूल्य परिवर्तन भईरहन्छ र सोको आधारमा प्रत्येक दिनमात्र होइन प्रत्येक
कारोवारको पिई फरक हुन्छ । किन्दा सदैव कम मूल्य र कम पिर्इ कायम गर्ने प्रयास
गर्नुपर्छ । आमरुपमा पिई १० गुनासम्म सस्तो, १५ गुनासम्म किन्न उपयुक्त, २० गुनासम्म सामान्य
जोखिमयुक्त (थोरै बढी मूल्य) र २० भन्दा बढी हुँदा महँगो वा जोखिमपूर्ण मानिन्छ ।
तर कम्पनी र बजारको अवस्था अनुसार कति पिई उपयुक्त भन्ने आफैले निर्णय गर्नुपर्दछ
। किनबेच गर्दा त्रैमासिक विवरणभन्दा तत्कालको पिर्इ हेर्नुपर्छ ।
तेस्रो
त्रैमासको पिईका आधारमा नेपाल बैंक, कृषि विकास र ग्लोवलआईएमई खरिद प्राथमिकतामा राख्नुपर्ने देखिन्छ । औषत
पिई १९.३५ का आधारमा १८ वटा बैंकहरुको किन्नु उपयुक्त र ९ वटा महंगा देखिएका छन् ।
४)
इक्विटिमा प्रतिफल (आरओई)
प्रतिशेयर
आम्दानी जतिकै महत्वपूर्ण इक्विटीमा प्रतिफल वा आरओई हो । हुनतः इपिएसको आधारमा
आरओई तलमाथि हुन्छ । इपिएसमा खुद मुनाफालाई कुल शेयर संख्याले भाग गरिन्छ भने
आरओईमा खुद मुनाफालाई शेयरधनीको कोष (पुँजी कोष) ले भाग गरेर निकालिन्छ ।
तेस्रो
त्रैमासमा बैंकहरुको इक्विटीमा औषत प्रतिफल १४ प्रतिशल देखिन्छ । नेपाल बैंक, नविल र एभरेष्टको प्रतिफल
तुलनात्मक रुपमा राम्रो रहेको छ ।
उल्लिखित
मुख्यसूचकका अतिरिक्त तोकिएको चुक्ता पुँजी पुगेको छ वा छैन, बैंक अन्य बैंक तथा वित्तीय
संस्थासँग मर्ज वा विलयमा जाँदै वा अरुलाई मर्ज वा प्राप्ति गर्दै छ कि ?, खुद व्याज आम्दानी र त्यसको आधार के हो ?, निष्कृय
कर्जा, व्याजदर अन्तर (स्प्रेड दर), जगेडा
कोष, वचत र कर्जा तथा सापटीको आकार कस्तो छ ? भन्ने विश्लेषण गर्दै औषत अवस्थासँग तुलना गर्नुपर्छ ।
प्रत्येक
लगानीकर्ताको लगानीको उद्देश्य, अवधी, पूँजीको स्रोत, अपेक्षित
मुनाफा, जोखिमवहन क्षमता फरक हुन्छ र सोही आधारमा लगानी वा
कारोवारको निर्णयका आधार फरक हुनसक्छ । त्यसैले लगानी निर्णय गर्दा सचेत र सजग भएर
गर्नुपर्छ ।
प्रस्तुत विश्लेषणका आधारमा किनबेच गर्नु अगाडि थप अध्ययन र जेखिम
मूल्यांकन गर्नुहुन अनुरेध छ । यसैका आधारमा हुने मुनाफा वा घाटामा लेखक जिम्मेवार
हुनेछैन् ।
दिलिप मुनकर्मीको ब्लग dilipmuna.blogspot.com बाट